सरल अर्थ (2) जो वीरत्व-विवेक समर में हम सैनिक दिखलाएँगे, उसकी गाथाएँ भारत के गाँव, नगर, घर गाएँगे, अनगिन कंठों में गूंजेंगे बोल हमारे गान के । भारतमाता के बेटे हम चलते सीना तान के ।​